Aaj ki murli ka swaman 1 August 2021 | आज का स्वमान ओम शांती 1-08-2021
आज कि मुरली का सार 1 ऑगस्ट 2021
01-08-2021 अव्यक्त 24-02-88 हिन्दी मुरली सार
वरदाता से प्राप्त हुए वरदानों को वृद्धि में लाने की विधि
जब कोई भी वरदान किसी को मिलता है तो वरदान के साथ वरदान को कार्य में लगाने की विधि भी सुनाई जाती है। अगर वह विधि नहीं अपनाते तो वरदान का लाभ नहीं ले सकते। तो वरदान तो सभी को मिला हुआ है लेकिन हर एक वरदान को विधि से वृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं। वृद्धि को कैसे प्राप्त कर सकते, उसकी विधि सबसे सहज और सबसे श्रेष्ठ यही है - जैसा समय उस प्रमाण वरदान स्मृति में आये। और स्मृति में आने से समर्थ बन जायेंगे और सिद्धि स्वरूप बन जायेंगे। जितना समय प्रमाण कार्य में लगायेंगे, उतना वरदान वृद्धि को प्राप्त करता रहेगा अर्थात् सदा वरदान का फल अनुभव करते रहेंगे। इतने श्रेष्ठ शक्तिशाली वरदान मिले हुए हैं - न सिर्फ अपने प्रति कार्य में लगाए फल प्राप्त कर सकते हो लेकिन अन्य आत्माओं को भी वरदाता बाप से वरदान प्राप्त कराने के योग्य बना सकते हो! यह संगमयुग का वरदान 21 जन्म भिन्न रूप से साथ में रहता है। यह संगम का रूप अलग है और 21 जन्म यही वरदान जीवन के हिसाब से चलता रहता है।
वरदान:-हद की जिम्मेवारियों को बेहद में परिवर्तन करने वाले स्मृति स्वरूप नष्टोमोहा भव
नष्टोमोहा बनने के लिए सिर्फ अपने स्मृति स्वरूप को परिवर्तन करो। मोह तब आता है जब यह स्मृति रहती है कि हम गृहस्थी हैं, हमारा घर, हमारा सम्बन्ध है। अब इस हद की जिम्मेवारी को बेहद की जिम्मेवारी में परिवर्तन कर दो। बेहद की जिम्मेवारी निभायेंगे तो हद की स्वत: पूरी हो जायेगी। लेकिन यदि बेहद की जिम्मेवारी को भूल सिर्फ हद की जिम्मेवारी निभाते हो तो उसे और ही बिगाड़ते हो क्योंकि वह फर्ज, मोह का मर्ज हो जाता है इसलिए अपने स्मृति स्वरूप को परिवर्तन कर नष्टोमोहा बनो।
स्लोगन:-ऐसी तीव्र उड़ान भरो जो बातों रूपी बादल सेकण्ड में क्रास हो जाएं।
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