B.k Today Hindi murli Sar , Slogan 5 January 2018
05-01-17 हिन्दी मुरली सार
''मीठे बच्चे - यहाँ तुम्हें सुख-दु:ख, मान-अपमान.. सब सहन करना है, पुरानी दुनिया के सुखों से बुद्धि हटा देनी है, अपनी मत पर नहीं चलना है''
प्रश्नः- देवताई जन्म से भी यह जन्म बहुत अच्छा है, कैसे?
उत्तर:-इस जन्म में तुम बच्चे शिवबाबा के भण्डारे से खाते हो। यहाँ तुम अथाह कमाई करते हो, तुमने बाप की शरण ली है। इस जन्म में ही तुम अपना लोक-परलोक सुहेला (सुखी) करते हो। सुदामा मिसल दो मुट्ठी दे 21 जन्म की बादशाही लेते हो।
धारणा:- अविनाशी ज्ञान रत्नों की कमाई करनी और करानी है। एक बाप की याद में रह सपूत बच्चा बन अनेकों को रास्ता बताना है।
वरदान:- दिव्य बुद्धि के वाहन द्वारा तीनों लोकों की सैर करने वाले ज्ञान स्वरूप विद्यापति भव
दिव्य बुद्धि अर्थात् होलीहंस बुद्धि। हंस अर्थात् क्षीर और नीर को, मोती और पत्थर को पहचान मोती ग्रहण करने वाले। इसलिए होलीहंस संगमयुगी ज्ञान स्वरूप विद्या देवी, सरस्वती का वाहन है। आप सभी ज्ञान स्वरूप हो इसलिए विद्यापति या विद्या देवी हो। यह वाहन दिव्य बुद्धि की निशानी है। इस दिव्य बुद्धि के वाहन द्वारा आप तीनों लोकों का सैर करते हो। यह वाहन सभी वाहन से तीव्रगति वाला है।
स्लोगन:-अपनी सर्वशक्तियों को अन्य आत्माओं के प्रति विल करना ही सर्व श्रेष्ठ सेवा है|
ओम शांति
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